Surya Grahan 2024: साल का पहला सूर्य ग्रहण चैत्र अमावस्या के दिन लगने जा रहा है. इस बार सूर्य ग्रहण 8 अप्रैल, सोमवार के दिन लगेगा. यह ग्रहण 8 अप्रैल को रात 9 बजकर 12 मिनट पर शुरू हो जाएगा और इसका समापन रात 2 बजकर 22 मिनट पर होगा. इस सूर्यग्रहण का मध्य समय रात 11 बजकर 47 मिनट पर होगा. यह पूर्ण सूर्यग्रहण होगा. सूर्य ग्रहण की अवधि 05 घंटे 10 मिनट की होगी. यह सूर्य ग्रहण चैत्र माह का अमावस्या तिथि को मीन राशि और रेवती नक्षत्र में घटित होगा इसके पहले ऐसा संयोग 1970 में बना था। 08 अप्रैल को जब सूर्य ग्रहण लगेगा तब इस दौरान कुछ समय के लिए पृथ्वी पर अंधेरा छा जाएगा। यानी ग्रहण में सूर्य पूरी तरह से गायब हो जाएगा। इसके चलते दिन में अंधेरा हो जाएगा।
Surya Grahan 2024:क्या होता है पूर्ण सूर्य ग्रहण
ज्योतिष शास्त्र में भी सूर्य ग्रहण बहुत ही खास माना जाता है और लोगों के जीवन पूरी तरह से प्रभाव भी डालता है. सूर्य ग्रहण एक खगोलीय घटना है. जब सूरज और पृथ्वी के बीच चंद्रमा आ जाता है जब सूर्य ग्रहण लगता है. इसमें पृथ्वी, सूर्य तथा चंद्रमा एक सीधी रेखा में होते हैं, इसके कारण पृथ्वी के एक भाग पर पूरी तरह से अंधेरा छा जाता है, तब पूर्ण सूर्य ग्रहण की स्थिति बनती है. इसे आप खुली आंखों से बिना किसी यंत्र के भी देख सकते हैं.
Surya Grahan 2024: सूर्य ग्रहण कब होगा शुरू
08 अप्रैल को साल का पहला सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। यह ग्रहण भारतीय समय के अनुसार रात 09 बजकर 12 मिनट से शुरू होगा जो आधी रात को 02 बजकर 22 मिनट तक चलेगा।
Surya Grahan 2024: कहां-कहां दिखाई देगा यह सूर्य ग्रहण
भारत में इस सूर्य ग्रहण को नहीं देखा जा सकेगा। इसलिए इस ग्रहण का सूतक काल नहीं माना जाएगा इस सूर्य ग्रहण को पश्चिमी यूरोप, अटलांटिक, आर्कटिक मेक्सिको, उत्तरी अमेरिका , कनाडा, मध्य अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, इंग्लैंड के उत्तर पश्चिम क्षेत्र में और आयरलैंड में दिखाई देगा।
Surya Grahan 2024: सूर्य ग्रहण का सूतक काल
भारत में इस सूर्य ग्रहण को नहीं देखा जा सकेगा, इस कारण से इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा। धार्मिक नजरिए से सूतक को शुभ नहीं माना जाता है। सूर्य ग्रहण पर ग्रहण के शुरू होने के 12 घंटे पहले सूतक काल लग जाता है। सूर्य ग्रहण के दौरान सूर्य और राहु दोनों ही रेवती नक्षत्र में मौजूद होंगे। इस ग्रहण के दौरान भारत में रहने वाले सभी लोगों के लिए सामान्य दिनचर्या होगी. शास्त्रों की मानें तो ग्रहण जहां लगता है और जहां दिखता है वहीं इसका प्रभाव भी पड़ता है.